Wednesday, June 11, 2008

माँ

ना जाउँ मैं यमुना तीरे
ना ही राधा के गावं
प्यारी लगे माँ मुझको
तेरे आंचल की छाव

ना जाउँ पत्थर पूजने,
बाग मे चुनने फूल
भली लगे माँ मुझको
तेरे चरणों की धुल

मां, तेरी महिमा है आपर
जनता है सब संसार
गणपति ने मन इसको
पाया प्रथम पूज्य अधिकार

तेरे आँचल मे माँ
मेरा संसार बसा है
तेरे चरणों मे माँ
मेरा जीवन आधार छुपा है

1 comment:

महेन said...

सुंदर। बहुत सुंदर।
शुभम।