ना जाउँ मैं यमुना तीरे
ना ही राधा के गावं
प्यारी लगे माँ मुझको
तेरे आंचल की छाव
ना जाउँ पत्थर पूजने,
बाग मे चुनने फूल
भली लगे माँ मुझको
तेरे चरणों की धुल
मां, तेरी महिमा है आपर
जनता है सब संसार
गणपति ने मन इसको
पाया प्रथम पूज्य अधिकार
तेरे आँचल मे माँ
मेरा संसार बसा है
तेरे चरणों मे माँ
मेरा जीवन आधार छुपा है
1 comment:
सुंदर। बहुत सुंदर।
शुभम।
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