मेरी कविताएँ, मेरा संसार, कागज पर उकेरे गए मेरे दिल के अहसास, खाली वक्त के मेरे साथी, मेरे एकांत के सखा, वो आवाज जो कोई सुन न सका, जिसे किसी को सुना ना सका.....
तुम हो ही इसी काबिल
हर दिन अपमान पाते हो
बस एक दिन पूजे जाते हो
bilkul sahi baat kahi hai kavita ke madhyam se..
बहुत बहुत धन्यवाद अल्पना जीपर उल्लू बनाना बहुत खलता भी है....क्या करे???????
Post a Comment
2 comments:
bilkul sahi baat kahi hai kavita ke madhyam se..
बहुत बहुत धन्यवाद अल्पना जी
पर उल्लू बनाना बहुत खलता भी है....
क्या करे???????
Post a Comment