भूख और रोटी समय की सवाली
गरीबी बन गई सबसे बड़ी गाली
जन्म नही ले पाती है लड़की
भ्रूण की किस्मत मे है नाली
भय, आतंक, अपहरण और हत्या
हर तरफ़ भरे है मवाली
चारो तरफ़ मॉल भरा है
मेरे सामने है टूटी थाली
कहा ख़रीदे सुख और सपने
हर किसी की जेब है खाली
दिन का सूरज धुंधला दिखता
अभी आने वाली रात है काली
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जन्म नही ले पाती है लड़की
भ्रूण की किस्मत मे है नाली
भय, आतंक, अपहरण और हत्या
हर तरफ़ भरे है मवाली
चारो तरफ़ मॉल भरा है
मेरे सामने है टूटी थाली
कहा ख़रीदे सुख और सपने
हर किसी की जेब है खाली
दिन का सूरज धुंधला दिखता
अभी आने वाली रात है काली
कमाल लिखते हो अभिषेक आप
ये कुछ पंक्तियाँ पढ़ कर आपकी कलम कि ताक़त को जाना अच्छा लगा
धन्यवाद श्रद्दा जी, आपलोगों का उत्साहवर्धन से हमे कुछ अच्छा लिखने की प्रेरणा मिलाती है
कोशिश करूँगा की आगे भी आपकी कसौटी पर खरा उतरु
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